आज का हमारा आर्टिकल 26 January Par Nibandh in Hindi से संबंधित है।
भारत एक धर्मनिरपेक्ष, अनेक विविधताओं तथा लोकतांत्रिक देश है। भारत की आजादी के वक्त कई स्वतंत्रता सेनानियों जैसे महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह आदि ने स्वतंत्रता की लड़ाई में अपना भरपूर जोश दिखाया और देश को आजादी दिलाई। भारत एकमात्र ऐसा देश है जहां पर अनेक धर्मों के लोग एक साथ मिलजुल कर रहते हैं तथा यहां पर लोकतंत्र का शासन है।
भारत अपनी लोकतंत्र नीति, शिल्प कला, पर्यटन स्थल, चतुर एवं बहादुर प्रतियोगी तथा हर क्षेत्र में अपना परचम बनाने वाला देश आदि विशेषताओं के रूप में पूरे विश्व में जाना जाता है। जब भारत आजाद हुआ तो भारत का स्वयं का कानून नहीं था वह ब्रिटिश कानून को ही अपना रहा था। परंतु भारत के आजादी के बाद गांधी जी तथा जवाहरलाल नेहरू एवं अन्य राजनेताओं का कहना था कि भारत का स्वयं का कानून अथवा संविधान होना चाहिए।
परंतु क्या आपको पता है कि भारत में 26 जनवरी का दिन का क्या महत्व है और 26 जनवरी को भारत एक विशेष दर्जा क्यों दिया है? अगर नहीं तो आज के इस लेख में आपको 26 जनवरी पर निबंध (26 January par nibandh in Hindi) की सहायता से 26 जनवरी के दिवस का महत्व और भारत के संविधान के मुख्य बाद जानने को मिलेगी।
26 जनवरी (गणतंत्र दिवस) पर निबंध/26 January Par Nibandh in Hindi
भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी परंतु भारत का स्वयं का संविधान यानी कि कानून बनने में और समय बाकी था। जब भारत आजाद हुआ था तो उसके सामने कई आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक, चुनौतियां खड़ी हुई थी जिसमें से अपने संविधान तथा कानून की समस्या सबसे ज्यादा थी। हमारे देश के संविधान को बनने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था। भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हो गया था परंतु इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था और तब से ही इस विशेष दिन को भारत के गणतंत्र दिवस या 26 जनवरी के नाम से जाना जाता है। जिस दिन भारत ने अपना स्वयं का संविधान लागू किया तब से ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत पर कब्जे के दौरान जो कानून लागू किए गए थे उन सभी कानूनों को बर्खास्त कर दिया गया और अब भारत के स्वयं के संविधान के साथ भारत एक लोकतांत्रिक देश के रूप में माना जाने लगा।
भारत के संविधान का निर्माण विभिन्न देशों के संविधान को पढ़कर बनाया गया था। इसीलिए भारत का संविधान एक संपूर्ण संविधान है और यह सालों से भारत में सभी नागरिकों को मौलिक अधिकारों की पहचान, महिलाओं को सुरक्षा एवं न्याय दिलाते हुए आ रहा है।
26 जनवरी या गणतंत्र दिवस का इतिहास
भारत की आजादी के बाद यह तय किया गया कि भारतीय संविधान बनाने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा तथा इसी संदर्भ में 9 दिसंबर 1947 को एक बैठक हुई और उसमें संविधान सभा बनाने की चर्चा हुई इसके फलस्वरुप 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन में संविधान सभा का निर्माण हुआ। संविधान सभा को 22 समितियों ने मिलकर बनाया था। भारत का संविधान कैसा होना चाहिए इसके लिए 114 दिन की बैठक चली। इस बैठक में डॉ राजेंद्र प्रसाद, पंडित जवाहरलाल नेहरु, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर सरदार, वल्लभभाई पटेल, मौलाना अब्दुल कलाम आदि बड़ी हस्तियों ने भाग लिया। इसके अतिरिक्त जनता एवं प्रेस को भी इस बैठक में शामिल किया गया। बैठक कुशल रूप से पूरी होने के बाद 26 जनवरी 1950 को भारत का कानून लागू कर दिया गया और तभी से देश के कानून लागू होने का महत्व को हर साल हर्षोल्लास से मनाने के लिए 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस का नाम दिया गया।
भारत का संविधान का निर्माण सभी के लिए समानता, सभी के लिए एक समान न्याय, मानव अधिकारों की सुरक्षा, सभी के लिए एक कानून सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक कल्याण आदि विचारधाराओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
26 जनवरी की तैयारी एवं कार्यक्रम
भारत इस साल अपना 73 वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। हर साल की तरह इस साल भी विजय चौक से लेकर इंडिया गेट तक परेड निकाली जाएगी और इस बार 16 सैन्य दलों, 17 मिलिट्री बैंड तथा राज्य, विभागों को मिलाकर 25 झांकियों को शामिल किया गया है।
हर साल 26 जनवरी की परेड में जल थल एवं वायु सेना के जवान एवं हथियार टैंक हिस्सा लेते हैं इसके अलावा कई विभिन्न राज्यों की झांकियां अपने राज्यों की विशेषताएं एवं विविधताओं को परेड के दौरान दर्शाती हैं। देश के राष्ट्रपति द्वारा ध्वज वंदन किया जाता है। वायु सेना के खास प्रदर्शन में आसमान में भारत का झंडा तिरंगा बनाया जाता है तथा तिरंगे के रंग के गुब्बारों को आसमान में छोड़ा जाता है। 26 जनवरी की परेड आकर्षक होने के साथ-साथ भावनात्मक भी होती है क्योंकि इससे हर देशवासी की भावना जुड़ी हुई है।
26 जनवरी की परेड में कई स्कूलों एवं कॉलेजों के छात्र भी हिस्सा लेते थे परंतु कोरोनावायरस के कारण 26 जनवरी का परेड में सीमित कार्यक्रमों को ही शामिल किया गया है और 26 जनवरी की परेड कार्यक्रम की परेड के दौरान सभी कोरोना नियमों का पालन करने का निर्देश दिया गया है।
26 जनवरी के इस कार्यक्रम को दूरदर्शन पर सीधा प्रसारण देखा जा सकता है। इसके अलावा विभिन्न न्यूज़ चैनल भी 26 जनवरी के इस कार्यक्रम का लाइव टेलीकास्ट दिखाते हैं। इस दिन सभी सरकारी एवं निजी कार्यालय संपूर्ण रूप से बंद रहते हैं तथा कॉलेज एवं बड़े विश्वविद्यालय भी बंद रहते हैं।
26 जनवरी की परेड को देखने के लिए विदेशों से भी लोग आते हैं तथा हर साल 26 जनवरी के अवसर पर विदेश से मुख्य अतिथि के रूप में प्रधानमंत्री को बुलाया जाता था परंतु कोरोनावायरस परिस्थिति के कारण 2 साल से मुख्य अतिथि का आना नहीं हो पा रहा है।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने आपको 26 जनवरी पर निबंध (26 January Par Nibandh in Hindi) तथा गणतंत्र दिवस से संबंधित जानकारी प्रदान की है।
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