आज का हमारा आर्टिकल गंगा नदी की लंबाई कितनी है (Ganga Nadi Ki Lambai Kitni Hai) पर आधारित है।
गंगा भारत में उपस्थित सभी नदियों में से सबसे पवित्र नदी है और हिंदू धर्म में गंगा का एक महत्वपूर्ण स्थान है। हिंदू धर्म में गंगा से संबंधित कई पौराणिक कथाएं और मान्यताएं जुड़ी हुई है। गंगा नदी में कई नदियों का संगम होता है।
परंतु क्या आप जानते हैं कि गंगा नदी कहां है?, और गंगा नदी की लंबाई कितनी है? (Ganga Nadi Ki Lambai Kitni Hai) अगर नहीं तो आज इस लेख में हम आपको गंगा नदी से संबंधित जानकारी और कुछ मुख्य तथ्यों के बारे में चर्चा करेंगे।
गंगा नदी /Ganga Nadi
गंगा नदी संपूर्ण रूप से हिंदू धर्म से संबंध रखती है और हिंदू धर्म में इसके कई मायने बता कर संपूर्ण समाज में इसकी महत्ता को बनाए रखा है। हिंदू धर्म के लोग ही नहीं बल्कि सभी धर्मों के लोगों के लिए गंगा नदी बेहद पूजनीय है। भारत वासियों के लिए गंगा नदी एक प्राकृतिक विशाल संपदा है।
गंगा नदी भारत के राज्य उत्तराखंड में स्थित है और यह कई राज्यों से होकर गुजरती है। गंगा नदी अपने शुरुआती स्थान यानी उत्तराखंड से लेकर बांग्लादेश तक 2525 किलोमीटर की दूरी तय करती है। इस प्रकार गंगा नदी की लंबाई 2525 किलोमीटर (Ganga nadi ki lambai 2525 kilometre hai) है।
गंगा नदी का धार्मिक महत्व/Ganga Nadi Ka Dharmik Mahatva
गंगा नदी भारत वासियों के लिए सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक और आर्थिक रुप से मायने रखती है और हिंदू धर्म की कई बड़ी पूजा तथा विधि में गंगा नदी की उपस्थिति शामिल है। हिंदू धर्म की कई बड़े कर्मकांड विधि गंगा नदी तट पर पूरी करना, मृत व्यक्ति की राख को गंगा नदी में बहाना, अब तक के जीवन में किए पाप की मुक्ति तथा क्षमा के लिए गंगा में डुबकी लगाना आदि कई विधियां शामिल है। यदि मृत्यु व्यक्ति की राख को गंगा नदी के जल में प्रवाहित कर दिया जाता है तो माना जाता है कि उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। इसके अलावा यदि अपने पापों के प्रायश्चित के लिए आपको स्थान ढूंढ रहे हैं तो गंगा नदी एक उचित स्थान है अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए। यदि आप अपने जीवन से संबंधित कोई भी महत्वपूर्ण कार्य या फैसला लेने जा रहे हैं और उससे पहले गंगा नदी किनारे स्थित मंदिर या गंगा नदी के तट पर ही पूजा करते हैं तो आपका कार्य जरूर सफल होता है क्योंकि गंगा नदी में देवों का वास होता है और गंगा नदी के किनारे कई ईश्वरीय शक्ति का वास है जिससे मनुष्य के जीवन में कुशलता और समृद्धि आती है।
हिंदू धर्म के सभी संस्कारों में गंगा नदी की उपस्थिति अनिवार्य है। पूजा के वक्त गंगाजल को भगवान को अर्पित कर चरणामृत के रूप में स्वीकार करना एक अनिवार्य विधि माना जाता है। विधि-विधान और पूजा में ही नहीं बल्कि गंगा का कई हिंदू पर्व से भी संबंध है।
हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण त्यौहार जैसे मकर संक्रांति, कुंभ और गंगा दशहरा के अवसर पर यदि गंगा नदी में स्नान किया जाए या गंगा नदी तक पहुंच कर उसके दर्शन किए जाए तो जीवन की कई समस्याएं समाप्त हो जाती है और ईश्वर का आशीर्वाद प्रत्यक्ष रूप से मिलता है। पंच प्रयाग तथा उत्तर प्रदेश का प्रयागराज स्थल गंगा नदी के संगम का सबसे महत्वपूर्ण एवं प्रसिद्ध स्थल है। कई लोगों की है आस्था होती है कि मृत्यु के बाद उनकी राख गंगा नदी में प्रवाहित की जाए।
गंगा नदी का सामाजिक महत्व
गंगा नदी के बारे में केवल भारतीय साहित्य तथा हिंदू कथाओं एवं पुराणों में ही नहीं मिलता है बल्कि गंगा नदी की चर्चा विदेशी साहित्य में भी देखने को मिलती है और कई विदेशियों को गंगा के प्रति परम आस्था और भावनाओं से पूर्ण भक्ति करते हुए देखा जा सकता है।
गंगा नदी जलीय प्राणियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इसमें मीठे जल में पाए जाने वाले डॉल्फिन भी देखी जा सकती है। गंगा नदी के पास कई पुराने मंदिर स्थापित है जहां पर लोग गंगा नदी में स्नान करने के बाद भगवान की पूजा एवं अर्चना करते हैं। गंगा नदी तट पर बने पुल और बांध पूरे भारत में बिजली तथा कृषि पर परियोजनाओं के लिए जाने जाते हैं।
कई वैज्ञानिकों के शोध के बाद यह पाया गया कि गंगा नदी में बैक्टीरियोफेज नामक तत्व पाया जाता है जो गंगा नदी को पवित्र एवं स्वच्छ बनाता है। नदी में उपस्थित इस तत्व के कारण ही इसमें अन्य प्रकार के जहरीले एवं विषाणु खत्म हो जाते हैं जिससे नदी का पानी स्वच्छ एवं पवित्र रहता है।
गंगा नदी किन-किन राज्यों से होकर गुजरती है?
गंगा एक विशाल नदी है और यह कई राज्यों से होकर गुजरती है जिसमें निम्नलिखित राज्य शामिल है-:
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उत्तराखंड
गंगा उत्तराखंड के जिले देवप्रयाग, ऋषिकेश और हरिद्वार से होते हुए गुजरती है।
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उत्तर प्रदेश
गंगा नदी उत्तर प्रदेश के जिले नरोरा, फर्रुखाबाद,कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी, गाजीपुर आदि से होते हुए गुजरती है।
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बिहार
गंगा नदी बिहार के जिले बक्सर पटना मुंगेर चौसा सुल्तानगंज भागलपुर मिर्जाचौकी आदि से होते हुए गुजरती है।
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झारखंड
गंगा नदी झारखंड जिले के महाराजपुर, साहिबगंज और राजमहल आदि जिलों से होते हुए गुजरती है।
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पश्चिम बंगाल
गंगा नदी पश्चिम बंगाल के जिले फरक्का, रामपुरहाट, जंगीपुर, मुर्शिदाबाद, कोलकाता और गंगासागर आदि जिलों से होते हुए गुजरती है।
गंगा नदी की सहायक नदियां कौन-कौन सी हैं?
Ganga nadi ki sahayak nadiyan kaun kaun si hai?
गंगा नदी की सहायक नदियां बागमती, घागरा, यमुना, रामगंगा, ताप्ती, गंडक, कोसी, करनाली और काक्षी है।
गंगा नदी का पुराना नाम क्या है? /Ganga Nadi Ka Purana Naam kya hai?
गंगा नदी का पुराना नाम मंदाकिनी और भागीरथी था।
हिंदू धर्म के पुराणों के अनुसार स्वर्ग लोक में गंगा नदी को मंदाकिनी तथा पाताल लोक में गंगा नदी को भागीरथी के नाम से जाना जाता है।
निष्कर्ष
इस आर्टिकल में हमने आपको गंगा नदी की लंबाई कितनी है और गंगा नदी से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की है।
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